विवेकानंद पांडेय
*कोरिया 8 दिसंबर 2024/* सोनहत विकास खंड ग्राम पंचायत आनंदपुर के छोटे से गांव धनपुर में एक ऐसी कहानी लिखी गई है, जो विकास के नए मायने गढ़ती है। यह कहानी है कठिनाईयों को पीछे छोड़ते हुए सपनों को पूरा करने की।
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के इस अनुकरणीय पहल और निर्देश के बदौलत एक पुलिया व सीसी रोड निर्माण होने से स्कूली बच्चों को बड़ी राहत मिली तो आपसी सम्बन्ध भी मजबूत होना लगा। जानकारी के मुताबिक डीएमएफ योजना से स्वीकृत सीसी रोड और आरसीसी पुलिया ने न केवल एक मार्ग बनाया, बल्कि गांव के बच्चों और परिवारों के लिए सफलता का नया रास्ता खोल दिया।
*हर बारिश में थम जाती थी जिंदगी*
धनपुर गांव के बच्चे और ग्रामीण हर बारिश में कीचड़ और पानी भरे रास्तों से गुजरने को मजबूर थे। स्कूली बच्चों को प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बरसात में कीचड़ से उनके कपड़े गंदे हो जाते थे और कई बार बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते थे। यह समस्या केवल बच्चों तक सीमित नहीं थी, बल्कि पूरे गांव की दिनचर्या को प्रभावित करती थी।
गांव के विकास के लिए डीएमएफ (जिला खनिज निधि) योजना के तहत सीसी रोड और आरसीसी पुलिया का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। जिला प्रशासन और जनपद पंचायत सोनहत के समन्वय से यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर महज तीन माह में पूरा किया गया।
सीसी रोड और पुलिया के निर्माण से अब बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी पहुंचने में कोई समस्या नहीं होती। लगभग 30 परिवारों के बच्चों के लिए यह मार्ग शिक्षा की ओर एक सीधा और सुरक्षित रास्ता बन गया।ग्रामीणों के लिए यह केवल एक सड़क और पुलिया नहीं, बल्कि उनकी उम्मीदों और संघर्ष का प्रतीक बन गई है। अब बरसात के मौसम में भी लोग आसानी से आवाजाही कर सकते हैं।
बच्चों के कपड़े गंदे होने और बीमारियों के डर की समस्या खत्म हो गई। आवाजाही सुगम होने से रोजगार और सामाजिक गतिविधियों में भी सुधार हुआ। साथ ही पुलिया निर्माण से आपसी सद्भाव और मेलजोल भी बढ़ने लगा है।
*प्रशासन और जनता की साझेदारी*
जनपद पंचायत सोनहत के सीईओ श्री मनोज सिंह जगत ने इसे एक सामूहिक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी की संवेनशील पहल और जिला पंचायत सीईओ डॉ आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में तैयार यह परियोजना दिखाती है कि जब प्रशासन और जनता मिलकर काम करें, तो असंभव लगने वाली समस्याएं भी हल हो जाती हैं।
गांव के बच्चों और उनके परिवारों के लिए यह सफलता किसी सपने के सच होने जैसी है। अब बच्चे समय पर स्कूल पहुंच रहे हैं, उनकी शिक्षा बाधित नहीं हो रही, और उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। धनपुर का यह विकास कार्य दिखाता है कि सही योजनाएं और ठोस इरादे कैसे किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं। यह सफलता की कहानी उन लाखों ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बेहतर भविष्य के सपने देख रहे हैं।